देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने सामाजिक और तकनीकी विकास को गति देने के लिए बुधवार को सचिवालय में तीन महत्वपूर्ण समझौतों (MoU) पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में ये समझौते उत्तराखंड सरकार, सेतु आयोग, टाटा ट्रस्ट, नैस्कॉम और वाधवानी फाउंडेशन के साथ किए गए।
तकनीकी शिक्षा में बड़ा कदम:
राज्य को तकनीकी क्षेत्र में देश का प्रमुख कौशल केंद्र बनाने के उद्देश्य से सेतु आयोग, उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग और नैस्कॉम/आईटी-आईटीईएस सेक्टर स्किल काउंसिल के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ। इसके तहत सभी सरकारी व निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में फ्यूचर स्किल्स आधारित कोर्सेस को शैक्षणिक क्रेडिट के साथ जोड़ा जाएगा। हर जिले में एक मॉडल कॉलेज को “मेंटोर संस्थान” के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे लगभग 1.5 लाख छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, पायथन और जनरेटिव एआई जैसी आधुनिक तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी।
छात्रों के व्यक्तित्व और स्वरोजगार विकास पर जोर:
वाधवानी फाउंडेशन, सेतु आयोग और उच्च शिक्षा विभाग के बीच तीन वर्षों के लिए एक और त्रिपक्षीय समझौता हुआ है, जिसके तहत राज्य के सरकारी कॉलेजों में अगले सत्र से AI-आधारित पर्सनैलिटी डेवेलपमेंट और स्वरोजगार से जुड़े कोर्सेस शुरू होंगे। इस पहल से करीब 1.2 लाख छात्रों को फायदा मिलेगा।
टाटा ट्रस्ट के साथ 10 वर्षीय साझेदारी:
टाटा ट्रस्ट के साथ किए गए 10 साल के एमओयू के तहत राज्य में जल प्रबंधन, पोषण, टेलीमेडिसिन, ग्रामीण आजीविका और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में संयुक्त रूप से कार्य किया जाएगा। इस साझेदारी से राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
उत्तराखंड सरकार की यह पहल न केवल युवाओं को भविष्य की तकनीकों से लैस करेगी, बल्कि राज्य को सामाजिक व आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी मील का पत्थर साबित होगी।