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बजरंग दल ने प्राचीन शिव हनुमान मंदिर को होली के रंग में रंगा

देहरादून: विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल ने संचालित साप्ताहिक मिलन केंद्र घंटाघर प्राचीन शिव हनुमान मंदिर प्रांगण पर सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ होली के रंग में रंगा रहा.

कार्यक्रम का शुभारंभ दरबार में दीप प्रज्वलित कर किया गया मुख्य बौद्धिक में प्रांत मिलन प्रमुख बजरंग दल विकास वर्मा द्वारा छत्रपति संभाजी महाराज की पुण्यतिथि पर बताते हुए कहा कि इस भारत देश का दुर्भाग्य है, कि भारत भूमि के आजादी के बाद ऐसे मुस्लिम तुष्टिकरण में लुप्त स्वार्थी हिंदू विरोधी,लोभी लोगों ने प्राथमिक चरण में इस भारत पर शासन किया जहां पर उन्होंने इस भूमि की रक्षा करने वाले महान क्रांतिवीर इस देश में सनातन धर्म की पताका को ऊंचाइयों पर रखने वाले महान धर्मभक्तो जिनके द्वारा भारत भूमि कु पवित्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देना एक सामान्य विषय रहा उन महान सनातन धर्मी योद्धाओं जिन्होंने इस भारत भूमि पर सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपने परिवारों को निछावन कर दिया। वह स्वयं भी मुगलों के बराबर अत्याचार के विरुद्ध सदैव दृढ़ता के साथ संघर्ष किया उन महान योद्धाओं पुरोधाओं को इतिहास से बाहर निकलने का कुत्सित व घर्णित कार्य तो किया ही गया अपितु उन बर्बर मुगल शासको को महिमा मंडित किया गया.

जिन मुगल आक्रांताओ ने भारत देश की सनातन पहचान को मिटाना और उसे सनातन की रक्षा करने वाली देव तुल्य उन महान पुरोधाओं धर्म रक्षको को मृत्यु देने का ऐसा घिनौना परिचय दिया गया जो वास्तव में दिल दहला देने वाला है.
ऐसे में ही वीर संभाजी महाराज को मृत्यु देने के जो तरीके मुगल आक्रांता औरंगजेब ने अपनी वह वास्तव में इस्लाम के कट्टरपंथ का सबसे घिनौना चेहरा है.

छत्रपति संभाजी महाराज ने देश और धर्म के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया पर मुगलों के आगे झुके नहीं जीभ काटी, आँखें फोड़ी, नाखून उखाड़े, सर काट कर कुत्तों को खिलाया छत्रपति संभाजी महाराज को इस्लाम कबूल न करने की सज़ा दी गई और भारत देश के अंदर औरंगजेब व उसके अत्यंत घिनौने विचारों को चाहने वाले लोग सर उठा रहे हैं। उस इस्लामी आक्रांत के नाम पर बना मकबरा भारत देश व महाराष्ट्र के सनातन प्रेमियों और छत्रपति संभाजी महाराज को प्रेम करने वाले करोड़ों लोगों को अपमानित करती है. वह मजार अपमानित करती है छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के उस महान बलिदान को जिन्होंने अपने शरीर के रक्त की एक-एक बूंद को सनातन रक्षा के लिए इस भारत देश की अस्मिता के लिए लगा दिया स्वयं को बलिदान कर दिया।

 

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