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उत्तर प्रदेश

आयुर्वैदिक रजिस्ट्रेशन पर प्रयोग की जा रही एलोपैथिक दवाइयां, जनपद में फैला हुआ है झोलाछाप डॉक्टरों का मकड़ जाल

नगीना तहसील में आयुर्वैदिक रजिस्ट्रेशन पर धडेले से एलोपैथिक दवाइयां का प्रयोग किया जा रहा है। जिले के साथ-साथ नगीना तहसील में भी झोलाछाप डॉक्टरों का मकड जाल फैला हुआ है। जिससे कई महीनाे पहले भी एक आयुर्वेदिक रजिस्ट्रेशन वाले डॉक्टर की वीडियो वायरल हुई थी जबकि आयुर्वेदिक का रजिस्ट्रेशन पिता के नाम से है और एलोपैथिक दवाइयां का इस्तेमाल पुत्र कर रहा है। जबकि पिता की कई वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी है। लेकिन आयुर्वेदिक के रजिस्ट्रेशन पर लोगों को गुमराह कर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। आए दिन मौत होना इनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है। जबकि बिजनौर जिले में इस समय बुखार ने अपने पैर पसार रखे हैं। लेकिन इन झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले इतने बुलंद है कि जिलाधिकारी के निर्देश के बाद भी इन झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई होने को तैयार नहीं है। कहने को तो रोज स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है लेकिन यह कार्रवाई सिर्फ बड़े अस्पतालों तक ही सीमित है। जो झोलाछाप डॉक्टर बैठे हैं उन पर कार्रवाई करने को स्वास्थ्य विभाग तैयार नहीं है। जबकि बिजनौर जिले में लगातार झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मौतें हो रही है गांव नंदपुर, काजीवाला, इस्लामाबाद, दोधराजपुर, नकीपुर, गढी, दोधराजपुर, कस्बा कोटरा, तुक्मापुर, हीरावाली, नंगली, लखमनपुर, भोगली, आदि गांव में झोलाछाप डॉक्टरो ने अपना कब्जा जमाया हुआ है और कुछ झोलाछाप डॉक्टरो ने तो अपनी दुकानों के सामने बड़ी-बड़ी फ्लेक्सी लगाकर लोगों को गुमराह किया हुआ है। जबकि कई झोलाछाप डॉक्टरों के यहां नाबालिक बच्चों द्वारा इंजेक्शन व बोतल लगाकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।

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