कल भारतीय हॉकी टीम का सेमीफाइनल मैच देखा… जबरदस्त मैच था … चौथे क्वार्टर में 2-2 की बराबरी से मैच आगे बढ़ा… 15 मिनिट के क्वार्टर में ज्यादातर बॉल जर्मनी के पाले में रही… भारतीय खिलाड़ी… बॉल छीन नहीं पा रहे थे और जब उनके पास गेंद थी तो छिनने से बचवा नहीं पा रहे थे … खैर मैच के आखिरी 6मिनिट से ठीक पहले जर्मनी ने बेहद खूबसूरत मैदानी गोल किया जो… इस मैच का पहला मैदानी गोल था … बाकि गोल पैनल्टी कॉर्नर से या पैनल्टी स्ट्रोक से आए थे … अब जर्मनी 3-2 से लीड कर रहा था… खैर आखिरी पलों में भी जर्मनी का दबदबा रहा … अंतिम दो मिनिट के लिए भारत के गोलकीपर ने गोलपोस्ट छोड़ दिया और अब भारतीय टीम एक अतिरिक्त खिलाड़ी के साथ मैदानी खेल में शामिल थी… गोलपोस्ट खाली था… ऐसे में जर्मनी को फिर से एक पैनल्टी कॉर्नर मिला… अब भारतीय टीम को बिना गोलकीपर के खेलना था … पैनल्टी कॉर्नर शुरू हुआ … और भारतीय टीम ने गोल होने से बचा लिया … अब बस 10 सेकेंड बचे था … भारत ने अटैक किया.. और क्या जबरदस्त अटैक था … भारतीय गेंद जर्मनी के गोलपोस्ट तक ले गई… और आखिरी सैंकेड में गोलपोस्ट पर गेंद दाग दी गई… उफ्फ मगर ये क्या हुआ… गेंद गोलपोस्ट से ऊपर निकल गई.. और भारत हार गया … अगर भारत जीतता तो.. 1980 के बाद पहली बार ओलंपिक के फाइनल में पहुँचता … और मीडिया में सिर्फ हॉकी छाई होती… फाइनल मैच से पहले तक… हॉकी पर चर्चा हो रही होती… एक एक खिलाड़ी के घर मीडिया पहुँच चुका होता… हर खिलाड़ी का नाम हर भारतीय की जुबाँ पर होता … हर खिलाड़ी का परिवार … अब तक के मीडिया द्वारा सौतेले व्यवहार को भूलकर… अपने बेटों पर गर्व कर रहा होता … जगह जगह भारतीय टीम के लिए हवन ..अरदासें…नमाजें.. प्रेयर हो रही होतीं …बच्चा बच्चा… हॉकी की बारिकियों को सुन रहा होता … मगर मगर… भारतीय टीम हार गई .. सिर्फ मैच नहीं हारी… उम्मीदें हार गईं.. आज आमजन को भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी तो छोड़िए… कप्तान कौन है .. ये तक नहीं पता … अब शायद कभी पता चलेगा भी नहीं… क्योंकि अब मीडिया को … कोई मतलब नहीं रहेगा…😪