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लोकतंत्र में जनता को अपनी पसंद का प्रतिनिधि चुनने का अधिकार

जनता जनार्दन का निर्णय सहर्ष स्वीकार करें : पं.राधेश्याम शर्मा

लोकतंत्र में जनता को अपनी पसंद का प्रतिनिधि चुनने का अधिकार

कल 4 जून को लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 का परिणाम घोषित होने जा रहा है। 7 चरण में सम्पन्न हुए चुनाव में सभी राजनैतिक दलों एवं निर्दलीय प्रत्याशियों ने लोकलुभावन आश्वासन देकर मतदाताओं को रिझाना का भरसक प्रयास किया। जनता जनार्दन ने प्रतिनिधियों का चयन करने के लिए अपने विवेकानुसार मताधिकार का प्रयोग किया। लोकतंत्र को जनता की सरकार के रूप में परिभाषित किया जाता है। यदि निर्वाचित प्रतिनिधि जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप प्रदर्शन नहीं करते हैं तो जनता को अगले चुनाव में प्रतिनिधि बदलने का पूर्ण अधिकार है । जनता ने अपने अधिकारों और स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने , राष्ट्रीय प्रगति, समृद्धि, एकता और अखण्डता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वोट किया है। शिक्षाविद एवं सामाजिक चिन्तक पं.राधेश्याम शर्मा ने अपील की है कि हम सभी को आपसी वैमनस्य, राजनैतिक प्रतिस्पर्धा से परे जनता जनार्दन का निर्णय सहर्ष स्वीकार करना चाहिए । चुनाव होते रहेंगे, जनता की इच्छानुसार सरकार बदलती रहेंगी, आपसी भाईचारा बनाये रखें तथा भारतीय लोकतंत्र को सुदृढ करने हेतु अपना योगदान देकर सम्मानित नागरिक होने का परिचय दें।

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