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देश के इतिहास में पहली बार है कि कोई ट्रांसजेंडर दारोगा बना

देश की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा बनीं मानवी मधु, ऐसे हासिल की कामयाबी
भागलपुर के एक छोटे से गांव की रहने वाली मानवी मधु।

बिहार: मन में अगर कुछ ठान लो तो ना समाज आपको गिरा सकता है और ही कायनात आपका मुकाबला कर पाएगी। ऐसा की कुछ कर दिखाया है बिहार की मानवी मधु ने। बिहार के भागलपुर के एक छोटे से गांव की रहने वाली मानवी मधु कश्यप देश की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा बनी हैं।

बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने दारोगा के 1275 पदों पर वैकेंसी का रिजल्ट जारी कर दिया है। इस रिजल्ट में तीन ट्रांसजेंडर सफल हुए हैं। देश के इतिहास में पहली बार है कि कोई ट्रांसजेंडर दारोगा बना है और इसकी शुरुआत बिहार से ही हुई है। इन तीन ट्रांसजेंडरों में दो ट्रांसमेन हैं और एक ट्रांसवूमेन हैं।उन्होंने दारोगा भर्ती परीक्षा में चयनित होकर इतिहास रचा है। मानवी मधु कश्यप ने वीडियो जारी कर कहा, नमस्कार मैं मानवी मधु कश्यप आज मुझे बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मेरा बिहार ैप् में सिलेक्शन हुआ है।मानवी मधु कश्यप ने आगे कहा, इसके लिए मैं अपने आदरणीय मुख्यमंत्री, गुरु रहमान सर, रेशमा मैम, सुल्तान सर और अपने माता-पिता को बहुत धन्यवाद करती हूं। आज मैं बहुत खुश हूं क्योंकि ट्रांसजेंडर का यहां तक आना बहुत मुश्किल होता है। मेरे लिए भी मुश्किल रहा. मगर, मेरे गुरु और माता-पिता सपोर्ट में रहें और हमेशा हिम्मत देते रहें।

मुध का कहना है कि इस कारण मैं यहां तक पहूंच पाई हूं। मधु की कहानी देश के उन ट्रांसजेंडर के लिए प्रेरणा है, जो यह सपना देखते हैं कि उनको कुछ अलग करना है और अपने होने का जमाने को एहसास कराना है।

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