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भारतीय वायुसेना दिवस: सीडीएस व तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने शहीदों को किया नमन

भारतीय वायुसेना दिवस पर उन वीरों को नमन, जो अदम्य हौसलों और बहादुरी से देश की रक्षा करते हैं। ये जांबाज़ आसमान की सीमाओं को पार कर दुश्मनों पर नजर रखते हैं। उनके शौर्य और समर्पण के बिना देश की सुरक्षा अधूरी है। जय हिन्द!

नई दिल्ली: 93वें वायुसेना दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और हिंडन एयर बेस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर ने भारतीय सशस्त्र बलों के शीर्ष अधिकारियों द्वारा शौर्य और बलिदान के सम्मान को दर्शाया।

राष्ट्रपति ने वीरों को दी शुभकामनाएं:

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वायु सेना कर्मियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को बधाई दी और उनके साहस, प्रतिबद्धता और उत्कृष्ट सेवा को सराहा। राष्ट्रपति ने कहा कि वायु सेना न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि आपदाओं और मानवीय मिशनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा, “हमारी वायु सेना ने हर चुनौती का साहसिक सामना किया और राष्ट्र को गौरवान्वित किया है। मैं भारतीय वायु सेना को भविष्य के प्रयासों में सफलता की शुभकामनाएं देती हूं।”

हिंडन एयर बेस पर मार्च पास्ट और प्रदर्शनी:

वायुसेना दिवस समारोह के तहत हिंडन एयर बेस पर भव्य मार्च पास्ट और प्रदर्शनी आयोजित की गई। वायु योद्धाओं ने अनुशासन और सामरिक कौशल का शानदार प्रदर्शन किया। इस वर्ष की प्रदर्शनी में ऑपरेशन सिंदूर की उपलब्धियों को भी दिखाया गया, जो वायु सेना की संचालनात्मक ताकत, तकनीकी क्षमताओं और वर्षों से निभाई गई मानवीय भूमिका को दर्शाती है।

प्रदर्शनी में आधुनिक और स्वदेशी उपकरण:

इस वर्ष प्रदर्शनी में राफेल, सुखोई एसयू-30एमकेआई, मिग-29 सहित कई लड़ाकू विमान शामिल थे। इसके अलावा भारत के स्वदेशी एईडल्व्यू एंड सी, सी-17 ग्लोबमास्टर III, स्वदेशी आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, C-130J हरक्यूलिस, लॉन्गबो रडार से लैस अपाचे और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर भी प्रदर्शनी का हिस्सा थे। एस-बैंड रोहिणी रडार और हाल ही में सेवानिवृत्त हुए मिग-21 बाइसन को उनकी छह दशकों से अधिक सेवा के सम्मान में प्रदर्शनी में रखा गया।

भविष्य की तैयारियों और शौर्य का प्रदर्शन:

विशेष रूप से इस वर्ष प्रदर्शन सूची में उन अभियानों को भी शामिल किया गया, जिन्होंने पड़ोसी देश की सैन्य गतिविधियों को पीछे हटने और युद्ध विराम के लिए मजबूर किया। यह परेड भारत के सबसे बड़े और रणनीतिक एयरबेसों में से एक, हिंडन एयर बेस पर आयोजित की गई, जबकि पिछले वर्षों में वायुसेना दिवस परेड चेन्नई (2024) और प्रयागराज (2023) में आयोजित की गई थी।

समारोह ने न केवल वायु सेना के शौर्य और बलिदान को प्रदर्शित किया, बल्कि देशवासियों को भारतीय वायु सेना की तकनीकी और सामरिक क्षमताओं से भी परिचित कराया। इस अवसर ने स्पष्ट किया कि भारतीय वायु सेना हर चुनौती का साहस और प्रतिबद्धता के साथ सामना करती है।

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