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अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी पर उभरी सियासी हलचल, समर्थन में जुटे लोग

नई दिल्ली: अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर और राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रमुख, डॉ. अली खान महमूदाबाद को 18 मई को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। उन्हें भारत के पाकिस्तान के खिलाफ किए गए जवाबी सैन्य अभियान “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर सोशल मीडिया पर की गई एक टिप्पणी के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।

डॉ. अली खान की गिरफ्तारी के खिलाफ देशभर में उनके समर्थन में आवाजें उठने लगी हैं। सोशल मीडिया पर अनेक नेताओं और आम लोगों ने उनकी रिहाई की मांग की है। कई इतिहासकार और सिविल सोसाइटी के सदस्य भी उनकी गिरफ्तारी का विरोध कर चुके हैं। एक हजार से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर उनकी रिहाई के लिए समर्थन जताया है।

भाजपा नेता और पूर्व सांसद रितेश पांडे ने भी उनके समर्थन में ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण है। वे स्वयं डॉ. खान को जानते हैं और उन्हें एक भले और समझदार व्यक्ति के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर का सामर्थ्य और राष्ट्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता है।

पांडे ने यह भी सवाल उठाया कि क्या अधिकारियों ने डॉ. खान की टिप्पणी को सही से समझा था, जिससे उनकी गिरफ्तारी हुई।  इस मामले ने सियासी पैंतरेबाजी को जन्म दे दिया है, और डॉ. अली खान की रिहाई की मांग तेजी से जोर पकड़ रही है।

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