देहरादून/हरिद्वार : हरिद्वार नगर निगम की जमीन खरीद घोटाले में कार्रवाई का सिलसिला जारी है। अब तक 2 आईएएस सहित 12 अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है। इस मामले में हरिद्वार के तत्कालीन जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह को भी सस्पेंड कर दिया गया है। उन्हें कार्मिक एवं सतर्कता विभाग, उत्तराखंड शासन से संबद्ध किया गया है।
उत्तराखंड सरकार ने तुरंत प्रभाव से आईएएस मयूर दीक्षित को हरिद्वार का नया जिलाधिकारी नियुक्त कर दिया है। मयूर दीक्षित आज ही जिले के डीएम का कार्यभार संभालेंगे।
पहले भी कर चुके हैं हरिद्वार में कार्य:
आईएएस मयूर दीक्षित के लिए हरिद्वार नया जिला नहीं है। वह पहले भी जिले में प्रशासनिक जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। 2013 बैच के आईएएस अधिकारी मयूर हाल ही में टिहरी गढ़वाल के जिलाधिकारी थे। इसके साथ ही वे टिहरी बांध पुनर्वास परियोजना के निदेशक और जिला विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत थे।
उन्होंने आईआईटी कानपुर, आईआईएम बेंगलुरु, और नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU) से शिक्षा प्राप्त की है। उनके पास प्रशासनिक अनुभव और शैक्षिक दक्षता का मजबूत समन्वय है।
घोटाले की छाया में नई जिम्मेदारी:
हरिद्वार डीएम का पद संभालना इस समय किसी भी अधिकारी के लिए चुनौतीपूर्ण है। पूर्व डीएम पर लगे गंभीर आरोपों के बाद जनता और शासन दोनों का विश्वास बहाल करना मयूर दीक्षित की प्राथमिक जिम्मेदारी होगी। साथ ही जिन अफसरों पर कार्रवाई हुई है, उनके कार्यालयों में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना भी एक बड़ी चुनौती होगी।
मयूर दीक्षित ने कार्यभार ग्रहण करने से पहले सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावनात्मक पोस्ट साझा किया है, जिसमें उन्होंने हरिद्वार के लिए ईमानदार और जनसेवा-समर्पित प्रशासन का संकल्प व्यक्त किया है।