दिवाली की पूर्व संध्या की बात है, जिक्र इस दिवाली की दोनों नई फिल्मों का चल रहा था कि एक निर्देशक मित्र ने सवाल किया, अजय देवगन, अक्षय कुमार, रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण जैसे कलाकार पुलिस अफसर बनकर जिस विलेन को मारने या पकड़ने निकलने हैं, वह अर्जुन कपूर बने हैं? सोचकर ही अजीब नहीं लगता। फिल्म ‘आदिपुरुष’ का रावण याद है न। सैफ अली खान ने जिस तरह उसे निभाया, उसके बारे में अब साल भर बाद लिखना ठीक नहीं। लेकिन, रामायण और राम सरीखे सिंघम की कहानी की अंतर्धाराएं मिलाने वाले रावण जैसे जिस किरदार को अर्जुन कपूर ने परदे पर निभाया है, उसका नाम जुबैर हफीज है और वह श्रीलंका में रहता है। यूं लगता है जैसे मुस्लिम विलेन भी अब हिंदी सिनेमा में पाकिस्तान, दुबई और लंदन रहते रहते बोर हो चला है। खैर, सर्कस अभी बाकी है..!
स्टंट दृश्यों के कारीगर रोहित शेट्टी
निर्देशक रोहित शेट्टी अच्छे स्टंट डायरेक्टर हैं, इसमें कोई दो राय नहीं है। वह एक्शन फिल्ममेकर हैं कि नहीं, फिल्म ‘सिंघम अगेन’ के नतीजों से तय होना है। कॉमेडी में उनका हाथ कितना तंग है, दर्शक फिल्म ‘सर्कस’ में देख ही चुके हैं और फिल्म ‘सिंघम अगेन’ में कॉमेडी के नाम पर जो कुछ रणवीर सिंह ने किया है, वह उसी फिल्म का एक्सटेंशन जैसा लगता है। कहानी इस बार समाज की नहीं ‘पर्सनल’ है। ‘मेरी जरूरतें कम हैं, इसलिए मेरे जमीर में दम है’ जैसे संवाद बोलकर बाजीराव सिंघम बना है। वह सिंघम जिसके कहानी के मुताबिक ‘पुजारी’ पूरे देश की सूबे की पुलिस में हैं। सरकार (केंद्र की ही होगी) ने इन सारे पुलिस अफसरों को मिलाकर एक शिवा स्क्वॉड बनाया है। और, दरवाजा तोड़ने के लिए दया को भी रखा है। आगे इसमें दाढ़ी वाले चुलबुल पांडे भी आने वाले हैं, लेकिन तब तक इसी फिल्म पर टिके रहते हैं।