सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में भाग लिया. साथ ही शहीदों के परिजनों से मुलाकात की.
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर देहरादून स्थित पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने पुलिस और अर्धसैनिक बलों के शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों को सम्मानित किया।

पुलिस कर्मियों के लिए विशेष रजत जयंती पदक
सीएम धामी ने राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर उत्तराखंड पुलिस के सभी कार्मिकों को विशेष रजत जयंती पदक प्रदान करने की घोषणा की। यह सम्मान उनके समर्पण और राज्य की सुरक्षा में निभाई भूमिका के लिए दिया जाएगा।
आवासीय भवनों और कल्याणकारी योजनाओं का ऐलान
मुख्यमंत्री ने अगले तीन सालों में पुलिस कर्मियों के आवासीय भवन निर्माण के लिए हर साल 100 करोड़ रुपए की धनराशि देने की घोषणा की। इसके अलावा, पुलिस कल्याण निधि के तहत पहले से निर्धारित ढाई करोड़ रुपए को बढ़ाकर अगले एक साल के लिए साढ़े चार करोड़ रुपए किया गया।
एसडीआरएफ जवानों के लिए बैरक निर्माण
भवाली, नैनीताल, ढालमल्ला, काण्डा, बागेश्वर, नैनीडांडा, धुमाकोट, पौड़ी, घनसाली, टिहरी, सतपुली और पौड़ी में एसडीआरएफ जवानों के लिए पांच नए बैरकों का निर्माण कराया जाएगा।
पुलिस कर्मियों का सशक्तिकरण और स्वास्थ्य सुविधाएं
सीएम धामी ने बताया कि प्रदेश के हर थाने में महिला हेल्प डेस्क के तहत क्विक रिस्पॉन्स टीम का गठन किया गया है। पिछले तीन सालों में पुलिस विभाग के भवनों के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये की धनराशि दी जा चुकी है। इसके अलावा 688 आवासीय भवनों का निर्माण चल रहा है और 120 नए आवास भी जल्द शुरू होंगे। पुलिस कर्मियों को कैशलैस चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है और स्मार्ट पुलिसिंग के तहत बैरक और कार्यस्थलों का अपग्रेडेशन किया जा रहा है।
इस साल 356 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी विभिन्न श्रेणियों में पदोन्नत किए गए हैं, और 115 रिक्त पदों पर भी प्रक्रिया चल रही है। 215 कर्मियों को विशिष्ट कार्य और सेवा के लिए पदक एवं सम्मान चिन्हों से अलंकृत किया गया।

प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण
राज्य सरकार पुलिस कर्मियों के कैपेसिटी बिल्डिंग और प्रशिक्षण पर जोर दे रही है। पीटीसी नरेंद्र नगर को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है। पुलिस कर्मियों को AI और साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण के लिए देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में भेजा जा रहा है।
संपूर्ण सुरक्षा और कानून व्यवस्था
सीएम धामी ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस और अर्धसैनिक बलों पर है। पिछले एक साल में पूरे भारत में 186 पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने सर्वोच्च बलिदान दिया, जिनमें उत्तराखंड के 4 वीर सपूत भी शामिल हैं।
महत्वपूर्ण यात्राओं और आपदा प्रबंधन में पुलिस का योगदान
उत्तराखंड पुलिस ने इस साल कांवड़ यात्रा में 4 करोड़ और चारधाम यात्रा में 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को सुरक्षित यात्रा और दर्शन कराने में योगदान दिया। इसके अलावा राष्ट्रीय खेल और अन्य राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया।
आधुनिक अपराध और साइबर सुरक्षा
अपराध का स्वरूप बदलने के साथ पुलिस की भूमिका और चुनौतीपूर्ण हो गई है। राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक फोर्स बनाई, जिसने बीते तीन सालों में 6199 नशे के मामलों में कार्रवाई की और 275 करोड़ रुपये से अधिक के नारकोटिक पदार्थ बरामद किए। साइबर अपराध और AI के बढ़ते खतरे को देखते हुए पुलिस को तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
नियुक्ति और भर्ती
मृतक पुलिस कर्मियों के परिवारों के लिए इस साल 136 आश्रित परिवारों को विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया। इसके अलावा उप निरीक्षक के 222 पद और 2000 सिपाही की भर्ती प्रक्रियाधीन है। प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए विशेष कोटे के माध्यम से भर्ती का प्रावधान भी किया गया।
