गैरसैंण: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में हाल ही में ₹6.5 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुई बहुप्रतीक्षित पेयजल योजना पहली मानसून की बारिश भी नहीं सहन कर पाई है। भारी बारिश के कारण दूधातौली क्षेत्र के सिलकोट से गैरसैंण तक 13 किलोमीटर लंबी, पांच इंच चौड़ी पाइपलाइन पानी के प्रवाह के लिए गाद और मिट्टी से भर गई है, जिसके परिणामस्वरूप नगर की पेयजल व्यवस्था ठप हो गई है।
जानकारी के अनुसार, अत्यधिक बारिश और ओलावृष्टि ने पाइपलाइन को गाद से अटा दिया, जिससे पानी की आपूर्ति पूरी तरह से बाधित हो गई है। पेयजल आपूर्ति में रुकावट के कारण गैरसैंण की लगभग 10,000 की आबादी को टैंकरों के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि दूरस्थ इलाकों में रहने वाले लोग बाल्टियों का उपयोग करके पानी ढोने को विवश हैं।
जल संस्थान के जेई अभिषेक कप्टियाल ने बताया कि अतिवृष्टि के कारण पाइपलाइन में गाद भर गई है, जिससे आपूर्ति बाधित हो गई है। उन्होंने कहा कि चोक स्थान की पहचान के लिए श्रीनगर गढ़वाल से वेल्डर और कटर की टीम बुलाई गई है। नैल गांव और रिखोली पुल के पास कवायद की जा रही है ताकि गाद निकालकर आपूर्ति को जल्द से जल्द सुचारू किया जा सके।
इस मुद्दे पर कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल ने कहा कि पेयजल संकट को देखते हुए सरकार ने एक नई योजना निर्माण के लिए ₹6.5 करोड़ का बजट जारी किया है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से इस विफलता की रिपोर्ट मांगी है और कहा कि यदि काम मानकों के अनुसार नहीं हुआ तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।