कण्वाश्रम अनेक पौराणिक कथाओं व ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी
कोटद्वार: गढ़़वाल सांसद अनिल बलूनी ने कोटद्वार के अंतर्गत परमार्थ गुरूकुल महाविद्यालय कण्वाश्रम का भ्रमण किया। उन्होंने कहा कि कण्वाश्रम को विश्व पटल पर लाने की हमारी प्राथमिकता है। इस दौरान गुरुकुल के छात्रों ने सांसद का वेद मंत्रों के साथ भव्य स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने महर्षि कण्व की तपोस्थली का भी निरीक्षण किया।
बताया कि कण्वाश्रम मालिनी नदी के तट पर स्थित एक प्राचीन और पवित्र स्थल है। यह स्थान भारतीय इतिहास, धर्म और संस्कृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। महर्षि कण्व की तपोभूमि के रूप में प्रसिद्ध यह आश्रम अनेक पौराणिक कथाओं और ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है। इसी पावन भूमि पर भरत का जन्म हुआ, जिनके नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा है।
उन्होंने कहा कि ऋषि कण्व का यह आश्रम उस समय शिक्षा, साधना और वेद-विज्ञान का प्रमुख केंद्र था और अनेक ऋषि-मुनियों ने यहाँ ज्ञान अर्जित किया और धर्म एवं संस्कृति को समृद्ध किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कण्वाश्रम एक प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। आश्रम में अनेक श्रद्धालु, पर्यटक और इतिहास प्रेमी आते हैं, जो इस स्थान की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता से प्रभावित होते हैं। सांसद ने सभी श्रद्धालुओं, इतिहास प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों से अनुरोध करते हैं कि वे कण्वाश्रम की यात्रा करें और इसके गौरवशाली अतीत, सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करें। साथ ही इस पवित्र स्थल के संरक्षण और संवर्धन में अपना योगदान दें। सांसद ने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि कण्वाश्रम से संबंधित जो भी जानकारी हमारे ग्रंथों पर लिखी है उसके संपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध कराएं।
निरीक्षण के दौरान मेयर शैलेंद्र रावत, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, उपजिलाधिकारी कोटद्वार सोहन सिंह सैनी अन्य अधिकारी मौजूद रहे।