देहरादून: डिजिटल अरेस्ट स्कैम के एक मामले का भंडाफोड़ करते हुये घटना के मास्टर माइंड आरोपी को झारखंड से गिरफ्तार किया है. जीएमएस रोड, देहरादून निवासी एक पीड़ित को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 32 लाख 31 हजार 798 रुपये की धनराशि ठगी थी. साथ ही गिरोह ने मुम्बई क्राइम ब्रांच और सीबीआई अधिकारी बन वीडियो कॉल और वॉइस कॉल के माध्यम से पीडित को 24 घंटे से अधिक समय तक डिजिटल अरेस्ट रखा था.. जीएमएस रोड देहरादून निवासी एक पीड़ित ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में शिकायत दर्ज कराई थी कि 30 अक्टूबर 2024 को उसके मोबाइल पर अनजान नम्बर से एक कॉल आयी. कॉल करने वाले ने खुद को DHL कोरियर कंपनी से बताकर कहा कि उसके नाम के पार्सल को मुंबई सीमा शुल्क ने पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड और MDMA जैसी अवैध वस्तुओं के कारण जब्त कर लिया है.
उसके बाद कॉल को मुंबई क्राइम ब्रांच-अंधेरी से बात करने के लिये ट्रांसफर कर दिया गया. फिर उसे किसी पुलिस वाले से जोड़ा गया. उसने व्हाट्सएप कॉल कर पार्सल के बारे में पूछताछ की. वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी बनकर 24 घंटे के अन्दर गिरफ्तारी का डर दिखाकर वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी वारंट और सुप्रीम कोर्ट का एक नोटिस दिखाया. 30 अक्टूबर को दोपहर 02 बजे से 24 घंटे वीडियो और ऑडियो कॉल की निगरानी में डिजिटल रूप से गिरफ्तार रहा. जब तक पीड़ित को इस घोटाले की जानकारी हुई.
इसके बाद पीड़ित ने 3,231,798 (32 लाख 31 हजार 798) रुपये ट्रांसफर कर दिए. पीड़ित से एक ट्रांजेक्शन कराने के बाद यह भी धमकी दी कि उच्च अधिकारी और अधिक जांच करना चाहते हैं और पीड़ित की सभी संपत्तियों को फ्रीज करा देंगे. सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली के नाम पर 2 दिनों के भीतर 1,050,000 रुपये और मांगे. तब पीड़ित को एहसास हुआ कि वह इस घोटाले का शिकार हो गया है और यह पैसा इस तरह से वापस नहीं आने वाला है.