डायबिटिक गेस्ट्रोपैरीसिस अब लाइलाज नहीं रहा। एम्स के चिकित्सकों ने इस बीमारी का उपचार खोज लिया है। क्लीनिकल ट्रायल में दवा सफल रहने के बाद इसे पेटेंट भी मिल गया है। उम्मीद है कि जल्द यह दवा बाजार में भी उपलब्ध होगी। डायबिटिक गेस्ट्रोपैरीसिस की दवा ईजाद करने के लिए प्रो. रविकांत को बेस्ट रिसर्चर का अवार्ड मिला है।
एम्स के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ी है। यहां जनरल मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों ने डायबिटिक गेस्ट्रोपैरीसिस जैसी लाइलाज समस्या का समाधान खोजा है। अभी तक चिकित्सा विज्ञान में इस समस्या का कोई स्थाई उपचार नहीं था।
एम्स के चिकित्सकों ने अब इसके लिए दवा तैयार की है। जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. रविकांत ने बताया कि करीब तीन साल के शोध के बाद दवा तैयार की गई है। दवा का क्लीनिकल ट्रायल सफल रहने पर पेटेंट भी हासिल हो गया है।