Udayprabhat
uttrakhand

उत्तराखण्ड: काली पट्टी बांधकर राज्य कर कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी, जानिये पूरा मामला!

मांगें न माने जाने से उत्तराखण्ड राज्य कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन खफा
राज्य कर कर्मचारी विगत 20 वर्षों से संरचनात्मक ढांचे के पुनर्गठन को संघर्षरत

देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन ने बुधवार को प्रांतीय अध्यक्ष जगमोहन सिहं नेगी के नेतृत्व में राज्य कर विभाग अपनी 10 सूत्रीय मांगों पर कोई सकारात्मक कार्यवाही न होने के कारण तीसरे दिन भी काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन किया।

उन्होंने कहा कि उनकी मांगों पर 16 अक्टूबर तक सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई तो उत्तराखण्ड राज्य कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन मुख्यालय सहित 17 अक्टूबर रो सभी जगह 11 बजे से 12 दे कर एक घण्टे गेट मीटिंग करेगा। उत्तराखण्ड राज्य कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन, शाखा मुख्यालय के अध्यक्ष जसवन्त खोलिया और शाखा मंत्री पिंकेश रावत के नेतृत्व में मुख्यालय के समस्त कर्मचारियों ने 10 सूत्रीय लंबित मांगो के अब लम्बित रहने के कारण काली पट्टी बाधकर राजकीय काम-काज करते हुए सरकार और शासन का विरोध व्यक्त किया। इसके साथ ही राज्य के राज्य कर विभाग के अन्य समस्त कार्यालयों द्वारा भी काली पट्टी बाधकर राजकीय काम-काज किया।

बता दें कि उत्तराखण्ड राज्य कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन कर्मचारी ढांचे का पुनर्गठन, राज्य कर अधिकारियों की नयी नियमावली बनाने, जीएसटी के अन्तर्गत विभिन्न सूचना  के संकलन विश्लेषण हेतु यूटिलिटी तैयार करने, राज्य कर अधिकारियों की समय से पदोन्नति, परित्याग नियमावली (फोर्गो) से विभाग को अवमुक्त करने, कार्मिकों के आवास आदि मांगों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने पर कार्मिकों द्वारा चरणबद्ध तरीके से आन्दोलन शुरू करने की चेतावनी दी थी।

आन्दोलन का मूल कारण यह भी है कि राज्य कर विभाग में वर्ष 2006-07 वर्ष 2014-2015 एवं वर्ष 2024-2025 तक अधिकारी संवर्ग का तीन बार विभागीय संरचनात्मक ढांचे का पुनर्गठन करते हुए काफी अधिक संख्या में अपर आयुक्त पद से लेकर सहायक आयुक्त तक नये पदों एवं कार्यालयों को गठन किया गया है, जिसके परिप्रेक्ष्य में कर्मचारियों के ढांचे का पुनर्गठन विगत 20 वर्षों से एक बार भी नहीं हुआ है। वर्तमान मे

राज्य कर विभाग में अधिकारी संगर्ग में कुल स्वीत 481 पदों, कार्यालयों के सापेक्ष कर्मचारियों की कुल स्वीत पदों की संख्या मात्र 777 है, जो राज्य कर विभाग में सरकारी कार्यालयों के लिये पिरामिड हायर संरचना के बिल्कुल विपरीत स्थिति को प्रदर्शित कर रही है।

सरकार व शासन द्वारा कर्मचारियों के ढांचे के पुनर्गठन पर पक्षपातपूर्ण, संरक्षणवादी रवैया बेहद खेदजनक है। कर्मचारियों का अंतिम बार ढांचा वर्ष 2006 में मंजूर हुआ था और विगत 20 वर्षों से अपने संरचनात्मक ढांचे का पुनर्गठन के लिए संघर्षरत है 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के पश्चात राज्य कर विभाग में कर्मचारियों पर काम का अत्यधिक दवाव बना हुआ है, जिस कारण कार्मिक मानसिक रूप से परेशान है।

Leave a Comment