मानवी सजवान..
आज पूरे विश्व में विश्व डाक दिवस (World Post Day) बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न देशों में डाक सेवाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। भारत में भी डाक विभाग द्वारा कई जागरूकता अभियानों, प्रदर्शिनियों और विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें लोगों को डाक सेवाओं के गौरवशाली इतिहास और उनके वर्तमान स्वरूप से अवगत कराया गया।
विश्व डाक दिवस हर वर्ष 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत 1969 में टोक्यो में आयोजित यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की कांग्रेस में हुई थी। 9 अक्टूबर 1874 को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की स्थापना स्विट्ज़रलैंड के बर्न शहर में की गई थी। इसी ऐतिहासिक तिथि को याद करते हुए हर वर्ष यह दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्वभर में डाक सेवाओं की अहमियत को लोगों तक पहुँचाना और समय के साथ इन सेवाओं में आए बदलावों को प्रदर्शित करना है।
भारत में डाक विभाग का इतिहास बहुत पुराना और गौरवशाली रहा है। भारत का डाक तंत्र आज दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है। देशभर में लगभग 1.5 लाख से अधिक डाकघर कार्यरत हैं, जिनमें से अधिकांश ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में डाकघर केवल पत्र या पार्सल पहुँचाने का माध्यम नहीं, बल्कि बैंकिंग, बीमा, बचत योजनाओं और सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुँचाने का भी एक अहम केंद्र बन चुके हैं।
तकनीकी युग में भी डाक सेवाओं ने खुद को समय के अनुसार बदला है। स्पीड पोस्ट, ई-पोस्ट, पार्सल ट्रैकिंग जैसी आधुनिक सेवाएँ आज लोगों को तेज और भरोसेमंद संचार सुविधा प्रदान कर रही हैं। साथ ही इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक जैसी योजनाएँ वित्तीय समावेशन में अहम भूमिका निभा रही हैं। आज डाकघर न केवल पत्र भेजने की जगह है बल्कि यह डिजिटल सेवाओं का भी एक केंद्र बन चुके हैं।
इस अवसर पर कई राज्यों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। डाक विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह दिवस न केवल पुराने समय की चिट्ठियों की याद दिलाता है बल्कि आज के आधुनिक युग में डाक सेवाओं की नई दिशा को भी उजागर करता है। स्कूली बच्चों के लिए पत्र लेखन प्रतियोगिता, डाक सेवाओं पर प्रदर्शनी, और उत्कृष्ट कर्मचारियों को सम्मानित करने के कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।
विश्व डाक दिवस हमें यह याद दिलाता है कि चाहे तकनीक कितनी भी विकसित क्यों न हो जाए, एक पत्र की सादगी और डाक सेवाओं की विश्वसनीयता का कोई विकल्प नहीं हो सकता। यह दिवस डाक विभाग के कर्मचारियों के समर्पण और सेवाओं को सलाम करने का अवसर भी है।
यह दिवस सिर्फ डाक सेवाओं का उत्सव नहीं, बल्कि उन अनगिनत भावनाओं का सम्मान है जो एक लिफाफे में समाई होती हैं। हर चिट्ठी अपने साथ किसी की याद, किसी की उम्मीद या किसी की खुशी लेकर आती है। डाकिए सिर्फ पत्र नहीं, रिश्तों की गर्माहट पहुँचाते हैं।
