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UPL-2 समापन, बादशाह-नोरा का धमाल, पांडवाज की धुनों पर झूमा देहरादून

मानवी सजवान..
बादशाह का रैप, नोरा की डांसिंग क्वीन अदाएं और पांडवाज की लोकधुनों ने किया देहरादून को झूमने पर मजबूर.

देहरादून: उत्तराखंड प्रीमियर लीग (UPL) सीज़न-2 का समापन रविवार की रात एक ऐसी यादगार शाम में बदल गया, जिसने राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम को बॉलीवुड नाइट में तब्दील कर दिया। जहां एक ओर फाइनल मैच की पिच पर खिलाड़ियों ने चौके-छक्कों की बरसात की, वहीं दूसरी ओर मंच पर बादशाह के रैप, नोरा फतेही के डांस और पांडवाज बैंड की लोकधुनों ने दर्शकों का दिल जीत लिया।

बादशाह और नोरा की जोड़ी ने मचाया धमाल

फाइनल मैच के बाद जैसे ही शाम करीब 9 बजे मंच पर बादशाह और नोरा फतेही की एंट्री हुई, स्टेडियम तालियों और हूटिंग से गूंज उठा। बादशाह ने अपने हिट रैप सॉन्ग्स से युवाओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। “DJ वाले बाबू” और “पागल” जैसे गानों पर हजारों दर्शकों ने एक सुर में कोरस गाया। वहीं नोरा फतेही ने अपनी एनर्जेटिक परफॉर्मेंस से स्टेडियम का माहौल और भी गर्मा दिया। उनका हर मूव दर्शकों में बिजली की तरह दौड़ गया।

दर्शकों ने दोनों कलाकारों की परफॉर्मेंस का जमकर लुत्फ उठाया और देर रात तक राजीव गांधी स्टेडियम डांस और म्यूज़िक की गूंज से भरा रहा।

पांडवाज बैंड ने लोकधुनों से बांधा समां

सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं, उत्तराखंड की मिट्टी की महक भी इस शाम में घुली हुई थी। फाइनल मैच की पहली पारी के बाद पांडवाज बैंड ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोकगीतों की एक से बढ़कर एक झड़ी ने स्टेडियम को पारंपरिक और आधुनिक रंगों से रंग दिया। युवा ही नहीं, बुजुर्ग दर्शक भी लोकधुनों पर थिरकते नजर आए।

महंगे टिकट ने तोड़ी कई फैंस की उम्मीदें

जहां एक ओर मंच पर मस्ती का आलम था, वहीं स्टेडियम के बाहर कई फैंस मायूस नज़र आए। आयोजन समिति ने टिकट की कीमत ₹500 से लेकर ₹4000 तक रखी थी। कई छात्रों, क्रिकेट प्रेमियों और बादशाह–नोरा के फैंस के लिए ये कीमत जेब पर भारी पड़ गई।

शाम 7 बजे तक स्टेडियम के बाहर देहरादून और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे, लेकिन महंगे टिकट और जटिल बुकिंग प्रक्रिया की वजह से कई लोगों को अंदर जाने का मौका ही नहीं मिला। नतीजा यह हुआ कि राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम का लगभग आधा ग्राउंड खाली दिखाई दिया, जो इतने बड़े आयोजन के लिए निराशाजनक रहा।

प्रचार-प्रसार की कमी पर उठे सवाल

कई दर्शकों का कहना था कि स्टेडियम में पहले भी कई आयोजन हुए हैं, लेकिन अधिकतर में प्रवेश निशुल्क रहा है। इस बार न तो टिकट बुकिंग की सही जानकारी लोगों तक पहुंची और न ही पर्याप्त प्रचार-प्रसार हुआ। कई लोगों को तो टिकट खरीदने की प्रक्रिया तक का पता नहीं चला।

क्रिकेट के साथ कल्चर का संगम

उत्तराखंड प्रीमियर लीग का यह दूसरा सीज़न सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं रहा, बल्कि एक क्रिकेट और संस्कृति का शानदार संगम बन गया। एक ओर खिलाड़ियों ने मैदान पर रोमांचक प्रदर्शन किया, तो दूसरी ओर कलाकारों ने मंच पर म्यूज़िक और डांस से मनोरंजन की झड़ी लगा दी।

UPL-2 का समापन देहरादून की एक अविस्मरणीय रात बन गया। चाहे बादशाह का रैप हो, नोरा का डांस हो या पांडवाज बैंड की लोकधुनें — हर प्रस्तुति ने दर्शकों को अपनी ओर खींचा। अगर टिकट नीति थोड़ी जनहित में होती, तो शायद स्टेडियम खचाखच भरा नजर आता। फिर भी, यह समापन उत्तराखंड की सांस्कृतिक और खेल विरासत में एक सुनहरा अध्याय जोड़ गया।

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