मौसम परिवर्तन होने के कारण ठंड बढ़ने लगी है। इससे भालू हाइबरनेशन में चले जाते हैं। प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव का कहना है कि भालू शीत निद्रा (हाइबरनेशन) में जाने से पहले थोड़े चिड़चिड़े हो जाते हैं।
यही कारण है कि आजकल भालुओं में आक्रामकता बढ़ गई है। दून अस्पताल में हर 15 दिन में एक मरीज भालू के हमले में घायल होकर पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों के मुताबिक इस तरह के मामले पर्वतीय क्षेत्रों से सामने आ रहे हैं।
वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक रंजन मिश्रा ने बताया की भालू हाइबरनेशन में जाने से पहले थोड़े चिड़चिड़े हो जाते हैं। इसी समय खेतों में भी काम होता है। इसके कारण भालू के हमले की घटनाएं अधिक सामने आती हैं। खेतों में जाते समय समूह में जाएं। अगर काम कर रहे हैं तो बीच में कुछ शोर भी करें। इस समय सजग रहने की ज्यादा जरूरत है। अगर कहीं पर लगातार भालू दिखाई दे रहा है, तो उसकी सूचना वन कर्मियों को दें।