रोड निर्माण के दौरान याचिकाकर्ताओं को मुआवजा नहीं दिए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ ) के डायरेक्टर जनरल को पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर चार दिसंबर को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
बीते 15 अक्तूबर को कोर्ट ने डीजी के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए 6 नवंबर को पेश होने के आदेश दिए थे लेकिन वे आज न तो कोर्ट में पेश हुए और ना ही कोई जवाब पेश किया। विभाग ने सीधे संबंधित अधिकारियों को भेज दिया। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब डीजी के खिलाफ जमानती वारंट जारी हुए हैं तो उनको कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए था।
सुनवाई पर बीआरओ की तरफ से कहा गया कि उनकी व्यक्तिगत पेशी को माफ किया जाए। इस पर कोर्ट ने पूर्व के आदेश को बरकरार रखते हुए उन्हें चार दिसंबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं।
धारचूला निवासी कुंदन सिंह व अन्य ने 2023 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कहा था कि 1996 में तवाघाट से पांगती के लिए बीआरओ के द्वारा रोड का निर्माण किया गया। निर्माण के दौरान बीआरओ ने रोड का मलबा उनकी कृषि योग्य भूमि पर डाल दिया। इससे उनकी कृषि भूमि क्षतिग्रस्त हो गई। जब उन्होंने मुआवजा मांगा तो बीआरओ की ओर से आश्वासन तो दिया गया लेकिन मुआवजा नहीं।