उत्तराखंड के पहले खेल विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में राज्यपाल की ओर से नामित सदस्यों को शामिल किया जाएगा। वहीं, विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति की अर्हता को भी पहले से स्पष्ट कर इसे मंजूरी के लिए फिर से राजभवन भेजा जाएगा। खेल मंत्री रेखा आर्या के मुताबिक, विधानसभा सत्र में या फिर अध्यादेश लाकर जो भी पहले हो उसके माध्यम से सरकार विश्वविद्यालय विधेयक को राजभवन भेजेगी।
सरकार ने अगस्त 2024 में विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन राज्य खेल विश्वविद्यालय विधेयक पेश किया था। उसे मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था। विधेयक में कहा गया कि राज्यपाल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होंगे। वहीं, सरकार विश्वविद्यालय के लिए 10 करोड़ का कॉपर्स फंड देगी। विधेयक में कहा गया कि कोई मानद उपाधि या अन्य विशिष्टताओं को प्रदान करने का प्रस्ताव कुलाधिपति के अनुमोदन के बाद ही होगा, जबकि कुलपति विश्वविद्यालय के पूर्णकालिक वैतनिक अधिकारी होंगे।
इसमें विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में राज्यपाल की ओर से चार नामित सदस्यों का जिक्र नहीं किया गया। कुलपति की नियुक्ति के लिए अर्हता स्पष्ट न होने से राजभवन ने कुछ आपत्तियों के साथ हाल ही में विधेयक बिना मंजूरी के लौटा दिया था। आपत्तियों के निपटारे के बाद सरकार इसे मंजूरी के लिए अब फिर से राजभवन भेजेगी।