असम कैबिनेट ने राज्य में बाल विवाह की सामाजिक बुराई को समाप्त करने के
लिए 23 फरवरी को अधिनियम को निरस्त करने के निर्णय को मंजूरी दी थी. विपक्षी दलों ने इस निर्णय की निंदा करते हुए इसे ‘मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण’ करार दिया था, जिसे चुनावी वर्ष में मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए लाया गया था
असम विधानसभा ने गुरुवार को एक विधेयक पारित किया जिसमें मुस्लिमों के विवाह और तलाक रजिस्ट्रेशन से संबंधित एक कानून को खत्म कर दिया गया है. राजस्व और आपऔर आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन ने 22 अगस्त को विधानसभा में असम निरसन विधेयक, 2024 पेश किया था जिसमें असम मुस्लिम विवाह और तलाक रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1935 और असम निरसन अध्यादेश 2024 को रद्द करने का प्रावधान है.