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भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता को अब फरवरी 2025 में लाने का फैसला

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स कई महीनों से अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं। उनके साथ बुच विल्मोर भी फंसे हैं। अब नासा ने उनकी वापसी में देरी का कारण बताया है। दोनों की वापसी में देरी का एक कारण भारतीय मूल की पूर्व एस्ट्रोनॉट से भी जुड़ा है।

2003 में भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला अंतरिक्ष से वापस धरती पर लौटती हुई हादसे का शिकार हो गईं थी। कल्पना को वापस ला रहा स्पेस शटल जैसे ही धरती में आने लगा वैसे ही वो आग का गोला बन गया। इस स्पेस शटल में छह और अंतरिक्ष यात्री सवार थे।
सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष में ले जाने वाले स्टारलाइन कैप्सूल की वापसी की डेट सामने आ गई है। नासा और बोईंग ने अब फैसला किया है कि स्टारलाइन कैप्सूल 6 सितंबर को रात में स्पेस स्टेशन से अलग हो जाएगा। 7 सितंबर को सुबह करीब 10 बजे न्यू मेक्सिको के व्हाइट सैंड्स स्पेस हार्बर में इसकी लैंडिंग होगी।इससे पहले 26 जनवरी 1986 को भी स्पेस शटल चैलेंजर के फटने के बाद भी ऐसा ही हादसा हुआ था। इसमें 14 अंतरिक्ष यात्रियों की जान चली गई थी। अब नासा के जेहन में यही दोनों हादसे चल रहे हैं। इसी कारण नासा सुनीता विलियम्स को वापस लाने में जल्दबाजी नहीं कर रहा है।

नासा चीफ बिल नेल्सन ने दोनों हादसों का जिक्र करते हुए कहा कि इसके चलते ही हम बोइंग स्टारलाइनर को खाली वापस ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले नासा ने गलती की थी कि उसने जूनियर्स की बातें नहीं सुनी और खतरे को अनदेखा किया, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब सभी की बात सुनी जाती है। इसी कारण सुनीता को अब फरवरी 2025 में लाने का फैसला किया गय है।

 

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