हरिद्वार : हरिद्वार स्थित देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में बअ छात्र पौलेंड की भाषा पोलिश सीख सकेंगे। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के अनूठे पाठ्यक्रम व गतिविधियों में देश-विदेश के युवा अपना भविष्य देख रहे हैं। अपना करियर संवारने और भविष्य की दिशा तय करने के लिए देश ही नहीं, विदेशों के छात्र भी समय-समय पर देसंविवि पहुंचते हैं। साथ ही देसंविवि के प्रतिकुलपति युवा डॉ. चिन्मय पंड्या से भेंट कर भविष्य के स्वर्णिम सपनों को पूरा करने के लिए आवश्यक सूत्र प्राप्त करते हैं।
बीते दिनों येकातेरिना जार्जिवना के नेतृत्व में रूस से 16 युवाओं का प्रतिनिधिमंडल देसंविवि पहुंचा। उन्होंने शांतिकुंज व देसंविवि के आध्यात्मिक व दिव्य वातावरण में गायत्री महामंत्र की साधना की। छात्रों ने डॉ. चिन्मय पंड्या से भेंट कर साधना और जीवनोत्कर्ष पर मार्गदर्शन लिया। इस दौरान उन्होंने समग्र शिक्षा और मूल्य-आधारित शिक्षा पर जोर दिया गया, जिससे दोनों संस्कृतियों के बीच बंधन मजबूत हुआ। वहीं पोलिश भाषा की प्रतिष्ठित शिक्षिका सैंड्रा स्जनिर देसंविवि पहुंची। वे देसंविवि के विद्यार्थियों को पोलिश लिपि सिखाएंगी और पोलैंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को साझा करेंगी।
वियतनाम से डॉ. शिवम मिश्रा के नेतृत्व में एसकेएस योग से जुड़े आठ सदस्यीय दल देसंविवि पहुंचा। दल को संबोधित करते हुए युवा आइकान डॉ. चिन्मय पंड्या ने योग की परिवर्तनकारी शक्ति और शिक्षा के प्रति विश्वविद्यालय के समग्र दृष्टिकोण पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की।