राहुल द्रविड़ के क्रिकेट वारिस ने वीनू मांकड़ ट्रॉफी में संभाली कमान, दिखाएंगे अपनी बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग का जलवा।
Rahul Dravid’s Son Captain: क्रिकेट के मैदान पर अपने फुर्तीले खेल और तकनीकी दक्षता से टीम इंडिया के लिए यादगार पलों का हिस्सा रहे राहुल द्रविड़ के क्रिकेट प्रेमी बेटे भी अब पिता की तरह धमाल मचा रहे हैं। उनके दोनों बेटे — सुमित और अन्वय — युवा क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं।
हाल ही में द्रविड़ के छोटे बेटे अन्वय द्रविड़ को उनकी शानदार फॉर्म के लिए बड़ा अवसर मिला है। उन्हें आगामी वीनू मांकड़ ट्रॉफी में कर्नाटक टीम की कप्तानी सौंपी गई है। यह टूर्नामेंट भारत का प्रमुख अंडर-19 एकदिवसीय प्रतियोगिता है, जिसमें देश के होनहार युवा क्रिकेटर अपनी प्रतिभा दिखाकर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की कोशिश करते हैं।

अन्वय को यह जिम्मेदारी पिता की सिफारिश से नहीं, बल्कि उनके जूनियर स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से मिली है। 18 वर्षीय अन्वय पिछले सत्र में कर्नाटक के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे और राज्य के सबसे होनहार युवा बल्लेबाजों में शामिल हुए। अंडर-16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी में उनके लगातार प्रदर्शन ने सबको प्रभावित किया। छह मैचों में उन्होंने 91.80 की औसत से 459 रन बनाए, जिसमें दो शानदार शतक शामिल थे।
वीनू मांकड़ ट्रॉफी के लिए कर्नाटक टीम में अन्वय कप्तान और विकेटकीपर हैं, जबकि एस मणिकांत उप-कप्तान हैं। टीम में नितीश आर्य, आदर्श डी उर्स, प्रणीत शेट्टी, वासव वेंकटेश, अक्षत प्रभाकर और अन्य होनहार खिलाड़ी शामिल हैं।
दूसरी ओर, राहुल का बड़ा बेटा सुमित द्रविड़ भी कम नाम नहीं हैं। स्टेट लेवल क्रिकेट में उन्होंने ऑलराउंडर के तौर पर अपनी छाप छोड़ी है। 2024 में उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की अंडर-19 टीम में चुना गया था, लेकिन चोट के कारण वे पदार्पण नहीं कर सके।
इस तरह देखा जाए तो कहा जा सकता है कि “जैसा बाप वैसा बेटा” कहावत यहाँ बिल्कुल फिट बैठती है। युवा द्रविड़ भाईयों के लिए क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, बल्कि हुनर और अनुशासन का अभ्यास है। अगर ये इसी तरह अपनी मेहनत जारी रखते हैं, तो जल्द ही टीम इंडिया में उनका नाम भी सुनाई देगा।
राहुल द्रविड़ के क्रिकेट प्रेम और अनुशासन का असर उनके बेटों पर साफ दिख रहा है। कर्नाटक की यह टीम वीनू मांकड़ ट्रॉफी में अपनी धाक जमाने उतरेगी, और युवा द्रविड़ दोनों के लिए क्रिकेट का सफर अभी शुरू हुआ है।
