मुंबई: भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और वैश्विक भूमिका की सराहना करते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। स्टार्मर इन दिनों अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा पर हैं और इस दौरान उन्होंने मुंबई में पीएम मोदी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने, आर्थिक सहयोग बढ़ाने और वैश्विक शांति के लिए साझा प्रयासों पर चर्चा हुई।
भारत की विकास गाथा को बताया ‘अद्भुत’
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने भारत की प्रगति को लेकर गहरी प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने कहा,
> “भारत की विकास गाथा वास्तव में अद्भुत है। जब से मैं यहां आया हूं, मैंने जो कुछ भी देखा है, वह इस बात का प्रमाण है कि भारत सफलता की राह पर है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है, जिसके लिए मैं उन्हें बधाई देना चाहता हूं।”
स्टार्मर ने कहा कि भारत में जारी बदलाव और आर्थिक नीतियों के परिणाम विश्व स्तर पर महसूस किए जा रहे हैं। उनका मानना है कि भारत केवल अपनी अर्थव्यवस्था को ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्थिरता में भी एक अहम भूमिका निभा रहा है।

2047 तक ‘विकसित भारत’ का लक्ष्य
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा निर्धारित ‘विकसित भारत 2047’ के विजन का ज़िक्र करते हुए स्टार्मर ने कहा कि यह एक प्रेरक और दूरदर्शी लक्ष्य है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत इस दिशा में सही पटरी पर है।
उन्होंने कहा,
> “विकसित भारत का पीएम मोदी का दृष्टिकोण 2047 तक भारत को एक पूर्ण विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करेगा। यह सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक परिवर्तनकारी क्षण होगा।”
ऐतिहासिक व्यापार समझौते के बाद भारत यात्रा
ब्रिटिश प्रधानमंत्री की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब भारत और ब्रिटेन ने जुलाई में एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते — यूके-भारत व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (CETA) — पर हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को एक नई ऊँचाई पर ले जाने वाला माना जा रहा है।
स्टार्मर ने कहा कि यह समझौता सालों की मेहनत और रणनीतिक साझेदारी का परिणाम है।
उन्होंने कहा,
> “हमने टैरिफ में कटौती की, विकास को गति दी और दोनों देशों के लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए हैं। यह समझौता हमारे बाजारों को एक-दूसरे के लिए और अधिक खुला बनाता है। यह सिर्फ एक आर्थिक समझौता नहीं, बल्कि साझा भविष्य की एक मजबूत नींव है।”
मुंबई में हुई अहम द्विपक्षीय बैठक
भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुई बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और गहराई देने पर सहमति जताई। बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि भारत और ब्रिटेन “भविष्य पर केंद्रित एक नई आधुनिक साझेदारी” को आकार दे रहे हैं। इसमें निवेश, व्यापार, शिक्षा, नवाचार और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया।
स्टार्मर ने कहा,
> “भारत और ब्रिटेन अवसरों का लाभ उठा रहे हैं। हमारी साझेदारी न केवल दोनों देशों के नागरिकों के लिए बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी।”
वैश्विक स्थिरता में भारत-ब्रिटेन की भूमिका
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने भारत की यूक्रेन और गाजा संघर्षों को समाप्त करने के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक अनिश्चितता के दौर में भारत और ब्रिटेन की साझेदारी वैश्विक स्थिरता का एक अहम स्तंभ बन रही है।
> “भारत-ब्रिटेन संबंध वैश्विक स्थिरता के एक प्रमुख समर्थक के रूप में काम कर रहे हैं। भविष्य में भी यह साझेदारी वैश्विक शांति और आर्थिक प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी।”
साझेदारी को नई ऊँचाई देने का संकल्प
इस यात्रा को दोनों देशों के संबंधों के लिए एक मील का पत्थर माना जा रहा है। भारत और ब्रिटेन शिक्षा, अनुसंधान, रक्षा, हरित ऊर्जा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग को गहरा करने पर काम कर रहे हैं।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार भारत के साथ इस साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं, भारत ने भी ब्रिटेन को अपने ‘विकसित भारत’ के सपने में एक प्रमुख सहयोगी के रूप में देखा है।
