नैनीताल: उत्तराखंड के यात्रियों के लिए एक और बड़ी खुशखबरी है। जल्द ही काठगोदाम से दिल्ली के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस की सीटी बजने वाली है। रेलवे की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं, और अब केवल रेलवे बोर्ड की हरी झंडी का इंतजार है।
सुबह की ठंडी हवा में जब नैनीताल की वादियों से ट्रेन की सीटी गूंजेगी, तो यह सिर्फ एक नई रेल सेवा नहीं होगी — यह उत्तराखंड की रफ्तार और विकास की नई कहानी होगी।
पहाड़ से राजधानी तक तेज सफर
काठगोदाम–दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस, उत्तराखंड की तीसरी वंदे भारत ट्रेन होगी। इससे पहले देहरादून से दिल्ली और देहरादून से लखनऊ के बीच दो ट्रेनें पहले ही चल रही हैं। नई वंदे भारत के आने से काठगोदाम और दिल्ली के बीच सफर न सिर्फ तेज़ होगा बल्कि यात्रियों के लिए पहले से कहीं ज्यादा आरामदायक भी। यह ट्रेन हफ्ते में छह दिन चलेगी और राज्य के पर्यटन व व्यापार को नई गति देगी।
हाई-स्पीड के लिए तैयार ट्रैक
काठगोदाम से रामपुर के बीच 90 किलोमीटर का ट्रैक पूरी तरह बदल दिया गया है। इस नए ट्रैक पर अब 200 से 250 मीटर लंबे आधुनिक सेक्शन बिछाए गए हैं, जिन पर ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगी।
रेलवे ने सुरक्षा के लिए पटरियों के दोनों ओर फेंसिंग, नई सिग्नलिंग और उन्नत तकनीकी सिस्टम लगाए हैं। रेलवे अधिकारी मानते हैं कि यह ट्रैक भविष्य में हाई-स्पीड ट्रेनों का भी आधार बनेगा। काठगोदाम स्टेशन पर फिलहाल एक ही पिट लाइन है, जहां पहले से छह से अधिक ट्रेनों की सफाई और मरम्मत होती है। यही वजह है कि रेलवे प्रशासन वंदे भारत की मेंटेनेंस दिल्ली में करने पर विचार कर रहा है। इससे ट्रेन के संचालन में किसी तरह की रुकावट नहीं आएगी और यात्रियों को समय पर सेवा मिलेगी।
रेलवे बोर्ड से हरी झंडी का इंतजार
इज्जतनगर मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक संजय शर्मा के अनुसार, मंडल ने रेलवे बोर्ड को 11 नई ट्रेनों के प्रस्ताव भेजे हैं। इनमें काठगोदाम–दिल्ली वंदे भारत के साथ रामनगर–उदयपुर सिटी एक्सप्रेस, लालकुआं–द्वारका ट्रेन, इज्जतनगर–चंडीगढ़ वंदे भारत और इज्जतनगर–कटरा एक्सप्रेस भी शामिल हैं। जैसे ही बोर्ड से मंजूरी मिलेगी, नई वंदे भारत के उद्घाटन की तारीख घोषित कर दी जाएगी।
