नई दिल्ली. राजनीति का सारा खेल कुर्सी का है. कई बार तो देखने में आया है कि कुर्सी पाने या मिलने के बाद नेता उस कुर्सी मोह को भूल नहीं पाते हैं. ऐसे में पार्टी से लेकर परिवार तक में फूट पड़ जाती है. पर दिल्ली की राजनीति में भी कुछ इसी दौर से गुजर रही है. यहां भी अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद को छोड़ दिया है तो आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है. आतिशी ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद संभाल लिया है. पर आतिशी ने जैसे दिल्ली के सीएम पद को संभाला है तो कई लोग तो उनकी तारीफ कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बीजेपी इसे आम आदमी पार्टी का तमाश बता रही है.
अरविंद केजीवाल के सीएम पद छोड़ने के बाद आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शपथ लेने के बाद सोमवार को आतिशी ने सीएम हाउस जाकर कामकाज संभाल लिया. आतिशी ने ट्वीट करके बताया कि आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी संभाली है. आज मेरे मन में वो ही व्यथा है जो भरत के मन में थी जब उनके बड़े भाई भगवान श्री राम 14 साल के वनवास पर गए थे, और भरत जी को अयोध्या का शासन संभालना पड़ा था. जैसे भरत ने 14 साल भगवान श्री राम की खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन संभाला, वैसे ही मैं 4 महीने दिल्ली की सरकार चलाऊंगी. यानी अब सीएम हाउस में दो कुर्सियां होगी एक अरविंद केजरीवाल के लिए और दूसरी उनकी खुद की कुर्सी।
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